बोलने वाली गुफा – kids story

बोलने वाली गुफा – kids story – एक बार की बात है। एक जंगल में एक शेर रहता था। उसे बहुत भूख लगी थी इसीलिए वह शिकार की तलाश में इधर उधर भटक रहा था लेकिन कहीं भी उसको कोई शिकार नहीं मिला।

इसलिए वह बहुत परेशान हो गया। अंत में घूमते घूमते उसे एक गुफा दिखाई थी उसे लगा कि शायद इस गुफा में कोई रहता है। तो क्यों ना मैं अंदर जाकर उसका इंतजार करूं और जब वह अपनी गुफा में आएगा तो मैं उसे पकड़ कर खा जाऊंगा।

बोलने वाली गुफा - kids story 1

ऐसा सोचकर वह शेर उस गुफा के अंदर चला गया और उस गुफा में जो जानवर रहता था। उसका इंतजार करने लगा। वह गुफा एक लोमड़ी की थी।

जब शाम के वक्त लोमड़ी उस गुफा में वापस आए उसने देखा कि बाहर किसी के पैरों के निशान है जो अंदर की तरफ जा रहे हैं लेकिन बाहर नहीं आए है।

उसे शक हुआ कि जरूर गुफा के अंदर कोई है जो उसका इंतजार कर रहा है। तो उसने सोचा कि अब मैं कैसे पता लगाऊं की गुफा के अंदर कोई है या नहीं और अगर है तो कौन है। इसलिए थोड़ी देर सोचकर उसने अपना दिमाग दौड़ाया और उसे एक उपाय सूझा।

उसने जोर से आवाज लगाई, हे गुफा! आज तू मेरा स्वागत क्यों नहीं कर रही है। मैं जब भी रोज आता हूं तो तू मेरा स्वागत करती है तो आज क्या हो गया तुझे मेरा स्वागत क्यों नहीं कर रही है।

ऐसा सुनकर शेर ने सोचा शायद आज मैं गुफा के अंदर बैठा हूं इसलिए यह गुफा मेरे डर से आवाज देकर उसका स्वागत नहीं कर रही है क्यों ना मैं ही आवाज देकर उसका स्वागत करूं जिससे वह जानवर अंदर आ जाए और मैं उसे खा जाऊं।

बोलने वाली गुफा - kids story 2

ऐसा सोचकर शेर ने जोर से आवाज लगाई स्वागत है हे लोमड़ी तुम्हारा स्वागत है। शेर की आवाज सुनकर लोमड़ी और समझ गया की अंदर शेर बैठा हुआ है जो उसका ही इंतजार कर रहा है और शेर की आवाज सुनकर लोमड़ी फौरन वहां से रफूचक्कर हो गई और मूर्ख शेर उसका इंतजार ही करता रह गया।

Moral: इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें हर समय तत्पर रहना चाहिए और कठिन से कठिन परिस्थिति में अभी हमें हमेशा अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करना चाहिए।