Hello दोस्तों
आज हम बात करने वाले हैं Independence day के बारे में। दोस्तों क्या आप जानते हैं कि भारत का स्वतंत्रता दिवस कब मनाया जाता है, और क्यों मनाया जाता है।
दोस्तों भारत का स्वतंत्रता दिवस (Independence day) 15 अगस्त को मनाया जाता है । यह स्वतंत्रता दिवस किस लिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन अंग्रेज भारत को छोड़कर हमेशा के लिए चले गए थे। अंग्रेजों ने भारत पर लगभग 200 साल से भी अधिक राज किया।
अंग्रेज भारत में आए थे व्यापार करने के लिए लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने भारत पर अपना कब्जा जमाना शुरू कर दिया भारत के राजाओं को हराना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे भारत को अपना गुलाम बना लिया।
भारत की आजादी के लिए भगवान ने अपनी जान दी है मैं बहुत से क्रांतिकारी शामिल थे बहुत से राजा महाराजा भी शामिल थे और रानी लक्ष्मीबाई जैसी देश के लिए कुर्बान होने वाली बहादुर औरतें भी शामिल थे।
1857 की क्रांति
भारत में आजादी के लिए अट्ठारह सौ सत्तावन (1857) में विरोध शुरू हो गया था । इसे अट्ठारह सौ सत्तावन (1857) की क्रांति भी कहा जाता है। उस समय झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, नाना साहिब, और भी बहुत से लोगों ने अट्ठारह सौ सत्तावन की क्रांति में हिस्सा लिया था।
1857 का यह विद्रोह सफल नहीं हो पाया था क्योंकि विद्रोह एक समय पर शुरू नहीं हुआ था, उस समय यह अलग-अलग जगह पर अलग-अलग समय शुरू हुआ और अंग्रेज इसको धीरे-धीरे दबाते गए।
आजादी की लड़ाई में बहुत से क्रांतिकारी और फांसी पर चढ़ गए थे भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव के कुछ मुख्य नाम है। चंद्रशेखर आजाद जिन्होंने की आजादी मारूंगा और आजाद ही जिऊंगा उन्होंने अंग्रेजों के नाक में दम कर रखा था और अपने 1 साथी की वजह से धोखे से मारे गए थे
और भी बहुत से क्रांतिकारी हैं अगर मैं नाम लेना शुरू करूं तो खत्म नहीं होगा जैसे सुभाष चंद्र बोस, खुदीराम बोस, अशफाक उल्ला खान, बटुकेश्वर दत्त, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, नाना साहेब , तात्या टोपे आदि कुछ नाम शामिल है।
इस आजादी की लड़ाई में हिंदू मुस्लिम सिख सभी धर्म के लोगों ने मिलकर हिस्सा लिया था भारत को आजादी दिलाई थी लेकिन आज के समय में कुछ लोग धर्म के नाम पर हमारी एकता को तोड़ने की कोशिश करते हैं।
Independence day speech
भारत की आजादी के लिए महात्मा गांधी जी ने बहुत से आंदोलन चलाए 1920 में चलाया असहयोग आंदोलन कामयाब हो जाता परंतु एक हिंसक घटना के कारण महात्मा गांधी ने उसे बंद कर दिया क्योंकि महात्मा गांधी की समाधि थे।
असहयोग आंदोलन में अंग्रेजों द्वारा उपलब्ध करवाए जाने वाले किसी भी सामान को इस्तेमाल करना बंद कर दिया था और भारतीय चीजों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था। अगर यह आंदोलन बंद नहीं होता तो शायद भारत को उसी समय आजादी मिल जाती।
सन 1927 में जब साइमन कमीशन भारत आया तब लाला लाजपत राय जी और उनके साथियों ने मिलकर उनका विरोध किया जिसके कारण साइमन कमीशन के लोगों ने उन पर लाठियां बरसाई थी और लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गई थी ।
जिससे भारतीय में रोष फैल गया और इसी रोज के कारण अंग्रेजों को बाद में भारत छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था। सन 1942 में महात्मा गांधी ने अंग्रेजों भारत छोड़ो का आंदोलन शुरू कर दिया था।
दूसरी तरफ से सुभाष चंद्र बोस जी ने अंग्रेजों को हराने के लिए अपनी आजाद हिंद फौज तैयार कर ली थी परंतु 1945 में चंद्र बोस जी की यह फौज बिखर गई ।
उसके बाद 1947 ईस्वी में अंग्रेज भारत को छोड़ने के लिए मजबूर हो गए थे और 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिल गई । इसी खुशी में independence day मनाया जाता है परंतु जाने से पहले अंग्रेज भारत को दो टुकड़ों में बांट गए ।