17 Interesting Facts about Maharana Pratap in Hindi

Hello दोस्तों,
आज में आप भारत के एक महान शासक के बारे में बताने जा रहा हूँ जिनका नाम है महाराणा प्रताप (Maharana Pratap)। आप सभी लोगो ने महाराणा प्रताप जी के बारे में सुना होगा।

वो अपनी वीरता और दृढ़ निश्चय के लिए विख्यात थे और आज भी उनकी मिसाल दी जाती है। महाराणा प्रताप ने मुगलो से कई युद्ध किये पर कभी भी उन्होंने अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की।

अकबर उस समय Delhi का शासक था| अकबर ने कहा था की Maharana pratap को मेरी अधीनता स्वीकार करनी पड़ेगी और बदले में आधे हिंदुस्तान पर उसका राज होगा| पर महाराणा प्रताप ने साफ़ इनकार कर दिया।

Maharana Pratap जी का जन्म 9 may 1540 कुम्भलगढ़ राजस्थान में हुआ था। इसलिए maharana pratap jayanti 9 May के दिन मनाई जाती है| उनके पिता का नाम राणा उदय सिंह था जो की उस समय के मेवाड़ के शासक थे। उनकी माता जी का नाम महाराणी जयवंता कँवर था।

What was the height of maharana pratap

अगर maharana pratap जी की height की बात की जाए तो Maharana Pratap height लगभग 7.5 ft. के आसपास थी।

Maharana Pratap के बारे में कुछ रोचक जानकारी:-

  1. महाराणा प्रताप जब युद्ध में लड़ते थे तो दुश्मन सेनिक उनके सामने आने से भी कांपते थे क्योंकि वो अपनी तलवार के एक ही वार से दुश्मन सैनिक को घोड़े समेत काट डालते थे।
  2. महाराणा प्रताप युद्ध में 200 किलोग्राम से अधिक का वजन लेकर चलते थे जिसमे उनका भाला और कवच ही 150 किलोग्राम के आसपास होता था। महाराणा प्रताप के भाले का वजन 81 किलोग्राम था और कवच का वजन 72 किलोग्राम के आसपास था और हाथ में तलवार और ढाल भी होती थी उनका वजन भी मिला लिया जाये तो लगभग 208 kg के आसपास वजन हो जाता था।
  3. अकबर ने कहा था कि अगर राणा प्रताप मेरे सामने झुकते है, तो आधा हिंदुस्तान के वारिस वो होंगे, पर बादशाहत अकबर की ही रहेगी। लेकिन महाराणा प्रताप ने किसी की भी अधीनता स्वीकार करने से मना कर दिया।
  4. आज भी महाराणा प्रताप की तलवार कवच आदि सामान उदयपुर राज घराने के संग्रहालय में सुरक्षित हैं।
  5. हल्दी घाटी की लड़ाई में मेवाड़ से 20000 सैनिक थे और अकबर की ओर से 85000 सैनिक युद्ध में सम्मिलित हुए थे।
  6.  महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक का मंदिर भी बना हुआ है, जो आज भी हल्दी घाटी में सुरक्षित है।
  7.  महाराणा प्रताप को जब महलों को छोड़ कर जंगलो में रहना पड़ा था तब उनके साथ लुहार जाति के हजारो लोगों ने भी घर छोड़ा था  और दिन रात मेहनत करके महाराणा प्रताप जी कि फौज के लिए तलवारें बनाईं। इसी समाज को आज गुजरात मध्यप्रदेश और राजस्थान में गाढ़िया लोहार कहा जाता है। नमन है ऐसे लोगो को।
  8. जब America के President Abraham lincoln भारत दौरे पर आ रहे थे तब उन्होने अपनी माँ से पूछा कि – हिंदुस्तान से उनके लिए क्या लेकर आए? तब उनकी माँ ने कहा कि उस महान देश की वीर भूमि हल्दी घाटी से एक मुट्ठी धूल लेकर आना, जहाँ का राजा अपनी प्रजा के प्रति इतना वफ़ादार था कि उसने आधे हिंदुस्तान के बदले अपनी मातृभूमि को चुना। लेकिन बदकिस्मती से उनका वो दौरा रद्द हो गया था।
  9.  हल्दी घाटी के युद्ध के इतने सालो बाद भी वहाँ जमीन में तलवारें पाई गई थी। हल्दी घाटी में आखिरी बार तलवारों का जखीरा 1985 में मिला था।
  10.  महाराणा प्रताप को शस्त्रास्त्र की शिक्षा “श्री जैमल मेड़तिया जी” ने दी थी, जो 8000 राजपूत वीरों को लेकर 60000 मुसलमानों से लड़े थे। उस युद्ध में 48000 सैनिक मारे गए थे । जिनमे 8000 राजपूत और 40000 मुग़ल थे।
  11.  Maharana Pratap के देहांत पर अकबर भी रो पड़ा था। जबकि 30 वर्षों की लगातार कोशिशों के भी अकबर महाराणा प्रताप को बंदी नहीं बना सका था।
  12.  मेवाड़ के आदिवासी भील समाज ने हल्दी घाटी में अकबर की फौज को अपने तीरो से रौंद डाला था । वो महाराणा प्रताप को अपना बेटा मानते थे और राणा बिना भेदभाव के उन के साथ रहते थे। आज भी मेवाड़ के राजचिन्ह पर एक तरफ राजपूत हैं, तो दूसरी तरफ भील।
  13. महाराणा प्रताप का घोड़ा चेतक महाराणा को 26 फीट का दरिया पार करने के बाद वीर गति को प्राप्त हुआ। उसकी एक टांग टूटने के बाद भी वह दरिया पार कर गया। जहाँ वो घायल हुआ वहां आज खोड़ी इमली नाम का पेड़ है और जहाँ पर चेतक की मृत्यु हुई वहाँ चेतक मंदिर है।
  14.  Maharana Pratap का घोड़ा चेतक भी बहुत ताकतवर था उसके मुँह के आगे दुश्मन के हाथियों को भ्रमित करने के लिए हाथी की सूंड लगाई जाती थी ।
  15.  मरने से पहले महाराणा प्रताप ने अपना खोया हुआ 85% मेवाड फिर से जीत लिया था। सोने चांदी और महलो को छोड़कर वो 20 साल मेवाड़ के जंगलो में घूमे ।
  16. 208kg वजन उठा के चेतक जो की उनका प्रिय घोडा था उस पर बैठ कर दुश्मन सेना को चीरते हुए हवा से बाते करते थे। इस बात से आप ये भी अंदाजा लगा सकते है के उनका घोडा कितना शक्तिशाली होगा और वो खुद कितने शक्तिशाली होंगे।
  17. महाराणा प्रताप का देहांत 19 January 1597 में हुआ था।

महाराणा प्रताप के उपर कुछ serials भी बने है अभी कुछ समय पहले telivision पर Maharana pratap serial भी दिखाया गया था जिसका नाम था Bharat ka veer putra – Maharana pratap
महाराणा प्रताप जी के बारे में और अधिक जानकारी के लिए आप ये book “Maharana Pratap” पढ़ सकते हैं। ये Book English Language में है। हिंदी में यदि आप जानकारी चाहते है तो आप ये Book पढ़ सकते हैं। जिसका नाम है महाराणा प्रताप
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