Hello दोस्तों,
आज हम आपको दिवाली के बारे मे बताने वाला है। दिवाली हिन्दुओ का मुख्य त्यौहार है। यह शरद ऋतू मे हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन त्योहारों में से एक है। दिवाली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है जो की October या November के month में आता है।
Diwali (दिवाली) दीपो का त्यौहार है यह अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है । Diwali (दिवाली) को Deepawali (दीपावली) भी कहा जाता है। दीपावली को अलग करे तो बनता है दीप + आवली। दीप का अर्थ होता है दीपक और आवली का मतलब होता है पंक्ति अर्थात दीपक की पंक्ति। दीपावली के त्यौहार में दीपको को पंक्ति में लगा के घरो को सजाते है।
दिवाली (Diwali) क्यों मनाई जाती है?
दिवाली क्यों मनाई जाती है इसके पीछे का क्या कारण है। कहते है कि जब भगवान् श्री राम रावण को युद्ध में हराकर और विजय होकर जब चौदह बर्ष का वनवास पूरा करके अयोधया लौटे थे तो अयोध्या वासियों ने पूरी अयोध्या नगरी को घी के दीपो से सजा दिया था और साथ ही अपने घरो को भी सजाया था। और भगवान् श्री राम के अयोध्या लौट के आने की खुशी में पटाखे जलाये थे और धूमधाम से श्री राम, लक्ष्मण और सीता जी का स्वागत किया था। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है ।
इसी के चलते पुरे भारत में दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है दिवाली आने से कुछ दिन पहले से ही लोग तैयारियां शुरू कर देते है जैसे की घरो की साफ़ सफाई की जाती है, रंग रोबन किया जाता है, घरो को बहुत ही सुन्दर तरीके सजाया जाता है दिवाली आने पर लोग अपने अपने घरो में रंग बिरंगी लाइट लगाते है घरो को फूलो और कई प्रकार के सामानो से सजाते है।
इस दिन बाजारों में भी बड़ी धूम होती है ऐसा लगता है मनो जैसे की कोई दुल्हन हो सभी अपनी दुकानों को दुल्हन के जैसे सजाते है बहुत ही सुन्दर नज़ारा होता है बच्चे अपने लिए नए कपडे पटाके फुलझड़िया आदि खरीदते है।
दिवाली कैसे मनाई जाती है?
दिवाली कैसे मनाई जाती है? इस दिन क्या क्या करते है? दिवाली पर माँ लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। ये मान्यता है के इस दिन लक्ष्मी माँ की पूजा करने से घर में खुशहाली आती है और घर में धन का आगमन होता है।
दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस मनाया जाता है इस दिन लोग चांदी के सिक्के या बर्तन इत्याद्दी खरीदते है या कई लोगो का मानना यह भी है की इस दिन झाड़ू भी खरीद सकते है यह भी पूजा जाता है धनतेरस के दिन से ही लोग अपने घरो में दिए जलाने शुरू करते है और माँ लक्ष्मी की पूजा करते है।
धनतेरस के अगले दिन choti diwali मनाई जाती है फिर बड़ी दिवाली वाले दिन सभी बच्चे बड़े बूढ़े नए कपडे पहनते है और बाजार जाकर मिठाईया, diwali crackers, खिल पतासे आदि लाते है। फिर घरो में रात को माँ लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है आरती गयी जाती है जिससे की माँ लक्ष्मी जी प्रसन हो जाये ।
इस दिन लोग घरो में अच्छा भोजन बनाते है नए नए पकवान इत्यादि । इस दिन लोग एक दूसरे को मिठाई बांटते है और एक दूसरे को गले लगाकर खुशियाँ मनाते है । इस दिन बच्चे बूढ़े सब मिलकर दीपक , मोमबत्तियां इत्यादि जलाते है घरो को में रौशनी ही रौशनी होती है चारों और दिवाली बड़ी धूम धाम से मनाई जाती है ।
कुछ लोग इस दिन शराब पीते है और जुआ खेलते है जो की बहुत बुरी बात है ये सब नहीं करना चाहिए ।
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धन्यवाद!